पटना: बिहार निर्माण व असंगठित श्रमिक यूनियन द्वारा पटना के गांधी संग्रहालय में "महान रूसी अक्टूबर समाजवादी क्रांति" की 107वीं जयंती पूरे जोश के साथ मनाई गई। इस अवसर पर "वैश्विक स्थिति और मजदूर वर्ग का कार्यभार" विषय पर एक विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद साथियों को श्रद्धांजलि देते हुए की गई, जहां उपस्थित सभी सदस्यों ने शहीद-वेदी पर फूल अर्पित किए। साथी नरेंद्र कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए स्वागत भाषण दिया।
अध्यक्षमंडल में यूनियन के अध्यक्ष रास बिहारी चौधरी के अलावा साथी पिंटू कुमार, रंजीत कुमार, रमेश पंडित, शंभू शरण शर्मा और विनय शंकर सिंह शामिल थे, जिनका करतल-ध्वनि से स्वागत किया गया।
क्रांतिकारी गीत के बाद यूनियन के महासचिव जय प्रकाश ने पहले वक्ता के रूप में कहा कि मजदूर वर्ग के कंधे पर संकटपूर्ण वैश्विक स्थिति से मुक्ति दिलाने का महान कार्यभार है। उन्होंने मजदूरों की एकता और क्रांतिकारी राजनीति से जुड़ने का आह्वान किया।
दूसरे वक्ता संजय कुमार महतो ने मजदूर वर्ग की ऐतिहासिक लड़ाई और रूसी समाजवादी क्रांति की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। अन्य वक्ताओं में पिंटू कुमार, शंभू शरण शर्मा, रंजीत कुमार, विनय शंकर सिंह, दीपक कुमार, संतोष कुमार, रमेश पंडित, अशोक यादव, अनिल सहनी, रामाकांत, हरेंद्र कुमार और उपेंद्र कुमार शामिल थे।
बिरादराना संगठनों के आमंत्रित सदस्यों में सीपीआईएमएल के नंद किशोर सिंह, कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया के सतीश कुमार, पीआरसी सीपीआइएमएल के अजय कुमार सिन्हा और पीडीएफ के अर्जुन प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार रखे।
भोजनावकाश से पूर्व साथी ओमप्रकाश रमण ने ओजपूर्ण कविता पाठ किया, जबकि साथी निराला ने एक गीत प्रस्तुत किया। भोजनावकाश के बाद साथी आदित्य कमल ने शानदार गीत गाया।
कार्यक्रम का समापन यूनियन के अध्यक्ष रास बिहारी चौधरी के अध्यक्षीय भाषण के साथ हुआ, और अंत में इंटरनेशनल के सामूहिक गान और क्रांतिकारी नारों के साथ सफल कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम करीब छह घंटे चला और सभी ने मिलकर एकजुटता का संदेश दिया।
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